What's the colour of Bhagwan Shiv??? शिव जी किस वर्ण( रंग) के हैं??? #shivji'scolour #शिवजीकारंग
।।शिव जी का वास्तविक शास्त्रीय स्वरूप।।
सत्य:- शिव जी का वर्ण( रंग) श्वेत है।
Now let's talk about proves.
आईए अब प्रमाणों पर बात करली जाए।
अस्तु
कर्पूरगौरं दिव्याङ्ग चन्द्रमौलि कपर्दिनम् ।
व्याघ्रचर्मोत्तरीयं च गजचर्माम्बरं शुभम् ।।
(शिव पुराण, रुद्र संहिता, अध्याय 13)
जिनकी ध्वजापर वृषभका चिह्न अङ्कित है, अङ्गकान्ति कर्पूरके समान गौर है, जो दिव्यरूपधारी, चन्द्रमारूपी मुकुटसे सुशोभित तथा सिरपर जटाजूट धारण करनेवाले हैं।
शङ्खेन्दुकुन्दधवलं वृषभप्रवीर मारुह्य यः क्षितिघरेन्द्रसुतानुयातः।
यात्यम्बरे हिमविभूतिविभूषिताङ्ग स्तं शङ्करं शरणदं शरणं व्रजामि ॥
(स्कन्द पुराण, अन्वन्ति खण्ड एवं पद्म पुराण)
जो अपने श्रीविग्रहको हिम और भस्मसे विभूषित करके शङ्ख, चन्द्रमा और कुन्दके समान श्वेत वर्णवाले वृषभ - श्रेष्ठ नन्दीपर सवार होकर गिरिराजकिशोरी उमाके साथ आकाशमें विचरते हैं, उन शरणदाता भगवान् श्रीशङ्करकी मैं शरण लेता हूँ।
विलोहिताय धूम्राय व्याधायानपराजिते ।
नित्यनीलशिखण्डाय शूलिने दिव्यचक्षुषे ।।
नमो नमस्ते सेव्याय भूतानां प्रभवे सदा ।।
( महाभारत, द्रोण पर्व, प्रतिज्ञा पर्व)
विशेष लोहित एवं धूम्रवर्णवाले, मृगव्याधस्वरूप, समस्त प्राणियोंको पराजित करनेवाले, आप भगवान् शिवको बारंबार नमस्कार है ।।
तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं।मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा। लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
(श्रीमद्रामचरितमानस, उत्तर काण्डम्, रुद्राष्टकम्)
मैं भगवान शिव की पूजन करता हूं, जिनका रूप अडिग हिमालय की बर्फ के समान सफेद है, अनगिनत कामदेवों की सुंदरता से दीप्तिमान हैं, जिनका सिर पवित्र गंगा नदी से चमकता है. अर्धचंद्राकार अपनी भौंह को सुशोभित करता है और साँप उनकी नीलकंठ गर्दन को ढँकते हैं।
कुंद इंदु सम देह उमा रमन करुना अयन ।
जाहि दीन पर नेह करउ कृपा मर्दन मयन ॥
(श्रीमद्रामचरितमानस, बालकाण्डम्)
जिनका कुन्दके पुष्प और चन्द्रमाके समान (गौर) शरीर है, जो पार्वतीजीके प्रियतम और दयाके धाम हैं और जिनका दीनोंपर स्नेह है, वे कामदेवका मर्दन करनेवाले (शङ्करजी) मुझपर कृपा करें ।
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै न_काराय नमः शिवाय ॥
( पञ्चाक्षरस्तोत्रम्)
वे जिनके पास साँपों का राजा उनकी माला के रूप में है, और जिनकी तीन आँखें हैं,
जिनके शरीर पर पवित्र राख मली हुई है और जो महान प्रभु है,
वे जो शाश्वत है, जो पूर्ण पवित्र हैं और चारों दिशाओं को
जो अपने वस्त्रों के रूप में धारण करते हैं,
उस शिव को नमस्कार, जिन्हें शब्दांश “न” द्वारा दर्शाया गया है
गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं
गवेन्द्राधिरूढं गणातीतरूपम् ।
भवं भास्वरं भस्मना भूषिताङ्गं
भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम् ॥
(वेदसारशिवस्त:)
स्वयम् भगवद्पाद शिवावतर आद्य शंकराचार्य जी इसकी पुष्टि करते हैं।
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि॥
कर्पूर के समान चमकीले गौर वर्णवाले, करुणा के साक्षात् अवतार, इस असार संसार के एकमात्र सार, गले में भुजंग की माला डाले, भगवान शंकर जो माता भवानी के साथ भक्तों के हृदय कमलों में सदा सर्वदा वास करते हैं, हम उन देवाधिदेव महादेव की वंदना करते हैं।
॥ विष्णुरुवाच ।।
देवदेव महादेव करुणासागर प्रभो ।
त्वं पिता जगतां तात सती माताखिलस्य च ॥ ३ ॥
युवां लीलावतारौ द्वे सतां क्षेमाय सर्वदा ।
खलानां निग्रहार्थाय श्रुतिरेषा सनातनी ॥ ४ ॥
स्निग्धनीलांजनश्यामशोभया शोभसे हर ।
दाक्षायण्या यथा चाहं प्रतिलोमेन पद्मया ॥ ५ ॥
(शिव पुराण, रुद्र संहिता, अध्याय 19, श्लोक 3-5 )
स्वयं भगवान् विष्णु का यह वचन है:-
'देवदेव महादेव ! दयासागर ! प्रभो ! तात ! आप सम्पूर्ण जगत्के पिता हैं और सती देवी सबकी माता हैं। आप दोनों सत्पुरुषोंके कल्याण तथा दुष्टोंके दमनके लिये सदा लीलापूर्वक अवतार ग्रहण करते हैं - यह सनातन श्रुतिका कथन है । आप चिकने नील अञ्जनके समान शोभावाली सतीके साथ जिस प्रकार शोभा पा रहे हैं, मैं उससे उलटे लक्ष्मीके साथ शोभा पा रहा हूँ - अर्थात् सती नीलवर्णा तथा आप गौरवर्ण हैं, उससे उलटे मैं नीलवर्ण तथा लक्ष्मी गौरवर्णा हैं।'
🌸तो इस प्रकार हमने शिव जी के वास्तविक स्वरूप का सत्य वर्णन किया एवं यह सत्य उजागर किया।🌸
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हर हर महादेव
मैं कहना नही चाहता पर फिर भी ये प्रमाण और प्रश्न सही नही है ।।
ReplyDeleteभस्म लगाते है इस लिए उनको सफेद कहा गया है ।।लेकिन प्रश्न तो है कि उनका रंग कैसा है ।।क्या वो वास्तव में सफेद है ।और लास्ट में पार्वती को नीला कहा गया है पर हम सब जानते है कि माता को गौर वर्ण के कारण गौरी कहा जाता है ।।लक्ष्मी माता को गौरी नही कहते।।
अगर ये सही है तो फिर हनुमान भी red हुए क्यो की कहा है लाल देह लाली लसे.... पर क्या वो हनुमान जी जन्म से ही लाल थे।।