शस्त्र पूजन वैदिक विधि
शस्त्र पूजन विधि पहले दशमी के दिन मां दुर्गा जी के षोडशोपचार पुजा करना है १) प्रातः काल शौच्यादि के बाद २) मंदिर में मां दुर्गा जी के चित्र वा प्रतिमा के साथ गोलाकार पींड जो आटे या गोबर या कवेल मिट्टी के हो उसे यथा शक्ति जो भी स्थापित कर सकते हैं ३) अब कम से कम पंचोपचारिक पदार्थ से पूजन करना चाहिए (आसन धुप दीप पुष्प और नैवेद्य ) दुर्गा षोडशोपचार पूजन दैनिक गणेश पुजा पवित्र करणं ॐ अपवित्रः पवित्रो वा इति मंत्रेण पवित्र करणं आचमन प्राणायाम संकल्पं घंटानादम् आगमार्थं तु देवानां गमनार्थं तु रक्षसाम् । घण्टारवं करोम्यादौ देवताह्वान लाञ्छनम्।। शंख पुजा ॐ पंचजन्याय विद्महे पद्मगर्भाय धीमहि तन्नो शंख: प्रचोदयात्।। स्वस्ति मन्त्र: ॐ भद्रं कर्णेभि शृणुयाम देवा:। भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्रा:।। स्थिरै रंगै स्तुष्टुवां सहस्तनुभि::। व्यशेम देवहितं यदायु:। ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदा:। स्वस्ति न स्तार्क्ष्र्यो अरिष्ट नेमि:।। स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु।2। करन्यास /अंगन्यास । ॐ दंअंगुष्ठाभ्यां नम: - हृदयाय नम:। ॐ दुं तर्जनीभ्यां नम: - शिरसे स्वाहा। ॐ दु़ं मध्यमाभ्यां नम: -