महाशिवरात्रि व्रत विधिः। कब और क्यों मनाया जाता है यह महापर्व? यह सब अब यहां जाने। How to perform Mahashivratri vrat. When and why to celebrate? Now know all here

।। शान्तस्वरूप उल्लसित मुखारविंद श्वेत आभामंडल से उदीप्त भगवान् शंकर के मस्तक पर विराजमान वक्राकार चंद्र आपके हृदय को शांति और सरला भक्ति से उदीप्त करे।। तो अब ज्ञानीजनों द्वारा सेवित इस महत्वपूर्ण विषय को आरंभ करते हैं:— प्रथम तो यह जान लिया जाए कि इस महापर्व को किसलिए इतनी तन्मयता से मनाया जाता है? तो यह स्पष्ट करना अपना कर्तव्य समझते हैं कि यह माता जगदम्बा और विश्वेश्वर भगवान शिव शिवा के विवाह का प्रसंग नहीं है जो इतनी रुचि से रीलबाज़ी हो रही है। शिवलिङ्गत्योद्भूतः कोटिसूर्यसमप्रभः (ईशान संहिता) —यह उस सनातन लिंग स्वरूप के प्राकट्य का उत्सव है (जिसमें विष्णु और ब्रह्मा जी में प्रधानता की स्पर्धा होती है और इस अनंत अग्नि स्तंभ का अंत जानना होता है) उसी लिंग स्वरूप परमेश्वर के अधीनस्थ यह समस्त लिंगमय संसार कहा गया है।(लिंगपुराण) व्रत का अधिकार विचार? इससे कौन—कौन कर सकता है? तो कहते हां कि शिवरात्रिव्रतं नाम सर्वपापप्रणाशनम्। आचाण्डालमनुष्याणां भुक्तिमुक्तिप्रदायकम् ॥ इस श्लोक के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, चांडाल, स्त्री-पुरुष और बाल-युवा-वृद्ध-ये सब इस...